ब्राह्मण समाज के आस्था एवं स्वाभिमान के खास प्रतीक माने जाने वाले "श्री परशुराम' तथा अन्य सभी जातियों व धर्मों में जन्म महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर भी बड़ी संख्या में आधुनिक अस्पताल व सभी जरूरी सुविधा-युक्त ठहरने के स्थलों (कम्यूनिटी सेन्टर) का भी निर्माण कराया जायेगा।

नई दिल्ली, दिनांक 9 अगस्त 2020, दिन रविवार। बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने मीडिया को आज अपने सम्बोधन में कहा कि कुछ जरूरी जनहित के मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आज यहाँ आप लोगों को बुलाया है जिसके सम्बंध में यह कहना है कि, देश में पिछले कई महीनों से फैली को रोना महामारी के चलते हुए इसके पीड़ितों का इलाज कराने व इनको अलग से ठहराने की व्यवस्था आदि करने के मामले में भी केन्द्र व राज्य सरकारों की अनेकों प्रकार की रही कमियों को खास ध्यान में रखकर ही अब हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है, जिसकी आज मैं घोषणा भी कर रही हूँ, कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार बी.एस.पी की सरकार बनने पर, विशेषकर ब्राह्मण समाज के आस्था एवं स्वाभिमान के खास प्रतीक माने जाने वाले "श्री परशुराम' तथा अन्य सभी जातियों व धर्मों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर भी बड़ी संख्या में आधुनिक अस्पताल व सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त ठहरने के स्थलों (कम्यूनिटी सेन्टर) का भी निर्माण कराया जायेगा, जिससे फिर एक तरफ जहाँ सभी जातियों व धर्मों के महान् सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को पूरा-पूरा आदर-सम्मान मिलेगा, तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना जैसी आगे अन्य और भी भयानक बीमारी के फैलने पर फिर वर्तमान की तरह खासकर उत्तर प्रदेश की विशाल जनता को कोई ज्यादा परेशानी नहीं आयेगी, हालाँकि इस मामले में हमारी पार्टी कुदरत से यही प्रार्थना/ कामना करती है कि कोरोना जैसी अन्य और कोई महामारी अब आगे अपने देश में फिर से कभी भी यहाँ ना आये।


इसके साथ ही, दलित व अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी. समाज) में जन्मे अनेकों महान् सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के बारे में यहाँ मैं यह भी बताना चाहती हूँ कि उत्तर प्रदेश में चार बार बी.एस.पी. की रही सरकार में इन वर्गो से जुड़े जिन महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर, उन्हें आदर-सम्मान देने के उद्देश्य (मकसद) से, अनेकों जनहित की योजनायें शुरू की गयी थी व साथ ही कुछ नये जिले बनाकर उन जिलों के नाम भी इनके नाम पर रखे गये थे जिसमें से अधिकतर का समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने अपनी जातिवादी मानसिकता व द्वेष की भावना के चलते बदल दिया था, उन्हें फिर से बी.एस.पी की सरकार के बनते ही तुरन्त बहाल कर दिया जायेगा, जबकि सपा सरकार का लिया गया ऐसा फैसला अति शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी था, जो इनकी व उस पार्टी के मुखिया की दलित व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता होने को भी काफी कुछ दर्शाता है।


और अब यह समाजवादी पार्टी खासकर ब्राह्मण समाज के वोटों की खातिर, अपने राजनैतिक स्वार्थ में 'श्री परशुराम' की ऊँची प्रतिमा लगाने की भी बात कर रही हैलेकिन इस मामले में हमारी पार्टी का सपा को यह भी कहना है कि यदि इनको वास्तव में इनकी प्रतिमा इनके सम्मान में लगानी भी थी तो इनको इसे अपने पूर्व के रहे शासनकाल में ही लगा देना चाहिये था। परन्तु अब यह चुनाव के नजदीक होने पर प्रतिमा लगाने की बात कर रहे है, इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि अब इनकी (सपा) हालत प्रदेश में बहुत ज्यादा खराब हो रही है और अब ऐसे में तो ब्राह्मण समाज इनके साथ कतई भी जाने वाला नही है। वैसे भी इस समाज का हर स्तर पर शोषण व उत्पीडन आदि भी इनकी सरकार में सबसे ज्यादा हुआ है, जिसके अनेकों उदाहरण जनता के सामने हैंजबकि ब्राह्मण समाज को हर मामले में बी.एस.पी के ऊपर यह पूरा भरोसा है कि बी.एस.पी किसी भी मामले में सपा की तरह केवल कहती नहीं है बल्कि करके दिखाती है, अर्थात् बी.एस.पी की सरकार बनने पर फिर हमारी सरकार ब्राह्मण समाज की इस चाहत को ध्यान में रखकर यहाँ 'श्री परशुराम' की प्रतिमा, हर मामले में सपा की तुलना में ज्यादा भव्य ही लगायेगी, इसका ब्राह्मण समाज को बी.एस.पी के ऊपर ज्यादा भरोसा भी है। इसके साथ-साथ यहां मैं यह भी कहना चाहती हैं कि यदि क्षत्रिय व वैश्य समाज आदि भी अपने महान् सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों की प्रतिमा लगवाने की अपनी भावना दर्शाते हैं तो फिर इस मामले में उनकी भावनाओं को भी जरूर पूरा किया जायेगा व आदर-सम्मान दिया जाएगा। कहने का तात्पर्य यह है कि हमारी पार्टी की सरकार यहाँ सभी जाति व सभी धर्मों के महान् सन्तों, गुरुओं एवं महापुरुषों को हर स्तर पर पूरा-पूरा आदर-सम्मान देगी, यह मेरा सर्व समाज को वायदा भी है।इसके इलावा, आजकल राम मन्दिर निर्माण के नाम पर भी काफी राजनीति की जा रही है, जो कतई भी उचित नही है क्योंकि यह मामला लोगों की केवल धार्मिक आस्था व भावनाओं से ही जुड़ा है, अर्थात् इसका राजनीतिकरण नही होना चाहिये। इसके साथ ही, जब पिछले दिनों दिनांक 5 अगस्त को अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण की नींव माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई, जिसमें अच्छा होता कि दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले अपने देश के माननीय राष्ट्रपति को भी बुला लेते व पीएम श्री मोदी उनको अपने साथ में ले जाते ओर फिर इसका दलित समाज में एक अच्छा मैसेज भी संभवत: जाताइस शिलान्यास को लेकर कुछ दलित संत आदि भी चिल्लाते रहे कि उनकी उपेक्षा की गई व उनका तिरस्कार किया गया है, जिसपर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन माननीय राष्ट्रपति जी को शामिल कर लेते तो अच्छा होतावैसे भी इस सन्दर्भ में हमारी पार्टी का यह मानना है कि अयोध्या में केवल राम मन्दिर का निर्माण करने से व 'रामराज्य'' के कोरे गुणगान आदि करने से ही यहाँ उत्तर प्रदेश व पूरे देश की जनता का भला होने वाला नही है, बल्कि इसके साथ-साथ केन्द्र व खासकर उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार को उनके बताये हुये रास्तों पर भी चलना होगा अर्थात् उनकी सोच व कार्यशैली पर भी इन्हें अमल करना होगा, जो कि खासकर उत्तर प्रदेश में देखने को नहीं मिल रहा है। बात तो रामराज्य की जाती है लेकिन कानून-व्यवस्था के मामले में, अब यू.पी. पूरे तौर से यहाँ जंगलराज ही बन चुका है जैसा तो "रामराजः' में कतई भी नहीं होना चाहिए। उत्तर प्रदेश में हर प्रकार का अपराध चरम सीमा पर है, यह भी किसी से छिपा हुआ नहीं है और इस मामले में विशेषकर, यू.पी. की वर्तमान भाजपा सरकार को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। बी.एस.पी की, इनको यह खास सलाह भी है___ जबकि बी.एस.पी के मामले में यह बात सर्वविदित है कि बी.एस.पी जो कहती है तो उस पर अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अमल भी करती हैउदाहरण के तौर पर जब उत्तर प्रदेश में सन् 2007 में विधानसभा के आमचुनाव हुये थे तो तब उस चुनाव में दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज में से खासकर ब्राह्मण समाज ने भी अधिकांशतः अपना वोट बी.एस.पी को ही दिया था तो उनको फिर हमने अपनी पार्टी व सरकार में भी उन्हें हर स्तर पर उचित प्रतिनिधित्व भी दिया थाइसी ही प्रकार हमने क्षत्रिय समाज व अन्य सभी समाज को भी हर मामले में उचित भागेदारी दी थी और खासकर, दलितों, अन्य पिछड़े वर्गो एवं मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों का तो हर मामले में व हर स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर हमने पूरा-पूरा ध्यान रखा था व उनके विकास व उत्थान के लिए हमने अनेकों महत्त्वपूर्ण व ऐतिहासिक काम भी किये थेहालाँकि उस चुनाव में विशेषकर 'ब्राह्मण समाज' को कांग्रेस, सपा, व बीजेपी ने भी गुमराह करने की पूरी-पूरी कोशिश की थी, जिनके शासनकाल में इस समाज का हर स्तर पर सबसे ज्यादा शोषण व उत्पीड़न किया गया था और बीजेपी के वर्तमान शासनकाल में तो इनका अभी भी काफी ज्यादा शोषण व उत्पीडन आदि हो रहा है


इतना ही नही बल्कि ''कानपुर विकास दुबे काण्ड'' की आड़ में अब तो पूरे उत्तर प्रदेश में यहां समूचे ब्राह्मण समाज का हर स्तर पर काफी ज्यादा शोषण व उत्पीडन आदि किया जा रहा है जो किसी से छुपा नहीं है, जबकि हमारी पार्टी व हमारी सरकार दूसरी पार्टियों की तरह अपने राजनीतिक स्वार्थ्य में किसी भी समाज के साथ, "मुँह में राम व बगल में छूरी की तरह बर्ताव नही करती है, सबको एक नजर से देखती है। जो भी गलत है उसके खिलाफ कार्रवाई करती है। जो सही लोग हैं उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं करती है जैसाकि अभी हमें देखने को मिल रहा है। बात तो बड़ी-बड़ी करते है, लेकिन काम उसके उल्टा ही करते हैं, जिससे जनता में अविश्वास की भावना है, यह भी ठीक नही है। जबकि बी.एस.पी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के मुताबिक चलकर ही सबको न्याय दिलाने की बात करती है। इतना ही नही बल्कि बी.एस.पी की सरकार बनने पर "सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय" की नीतियों पर आधारित ही सरकार चलाती है


और अब अन्त में मैं यही कहना चाहूंगी कि ये कुछ जरूरी बातें आज मैंने मीडिया के जरिये विशेषकर यू.पी. की जनता को सावधान करने के उद्देश्य से इसलिए रखी है क्योंकि यू.पी. में अब विधानसभा आमचुनाव होने का समय भी काफी नजदीक आता जा रहा है, ताकि इस चुनाव में फिर जनता अपना वोट किसी भी प्रकार की भावनाओं में बहकर ना करे तथा अपने हितों में आजमाई हुई पार्टी को ही अपना वोट करे, अर्थात बी.एस.पी को ही अपना वोट दे। क्योंकि बी.एस.पी की करनी व कथनी में यूपी की जनता को कभी कोई अन्तर नहीं मिला है। कहने का तात्पर्य यह है कि केवल बी.एस.पी ही एक ऐसी राजीतिक पार्टी व मानवतावादी मूवमेन्ट है जो अपनी नीति व कार्यक्रम में सर्वसमाज के लोगों का व विभिन्न क्षेत्रों में लगे गरीबों, मजदूरों, व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों के हितो का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से ख्याल रखती है और खासकर अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में लोगों की चाहत के हिसाब से किसी को भी नहीं बख्शती है, चाहे कोई बी.एस.पी. पार्टी से जुड़ा हुआ ही क्यों न हो। इसीलिए बी.एस.पी के राज में कानून द्वारा कानून के राज रहा जिसका मुकाबला किसी भी पार्टी की सरकार नहीं कर पाई हैजबकि दूसरी पार्टियों की सरकार में हर सरकार अपनी पार्टी के आपराधिक तत्वों को बचाती है और केवल दूसरों के खिलाफ ही पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करती है, जैसाकि यूपी की वर्तमान बीजेपी की सरकार में भी देखने को मिल रहा हैबीजेपी भी अपनी पार्टी के आपराधिक तत्वों को बचाती है जिस कारण ही यहाँ अपराधियों का जंगलराज चल रहा है और जनता बुरी तरह से त्रस्त है। आपराधिक तत्व चाहे किसी भी पार्टी का हो उसके खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। अगर यूपी की योगी सरकार दलगत राजनीति से उपर उठकर काम करती है व बीजेपी के भी आपराधिक तत्व के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है तो मैं आज लिखकर देने के लिए तैयार हूं कि फिर यूपी में बी.एस.पी की चार बार रही सरकार की तरह ही यहां कानून द्वारा कानून का राज होगा। इसलिए यूपी सरकार को प्रदेश में कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए बी.एस.पी की सरकार से सीख लेकर यूपी में अपराधियों का जंगलराज समाप्त करने के लिए आगे आना होगाइस उम्मीद व अपील के साथ ही अब मैं अपनी बात यही समाप्त करती हूँ


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?