परमहंस मंदिर में धूमधाम के साथ मनाई गई परशुराम जयंती

संपूर्ण जनमानस के कल्याण की कामना की गई भगवान परशुराम जी से
श्री रामलीला हनुमान जयंती महोत्सव समिति ने मनाई भगवान परशुराम जयंती
ललितपुर। श्री रामलीला हनुमान जयंती महोत्सव समिति द्वारा परमहंस मंदिर तालाबपुरा में भगवान परशुराम जी का प्राकट्य उत्सव मनाया गया जिसमें भगवान परशुराम को पूरे विधि विधान से उनका पूजन अर्चन किया गया। आज परशुराम जयंती के अवसर पर परमहंस मंदिर में पंडित देवेंद्र चतुर्वेदी जी के मुख्य आतिथ्य में भगवान परशुराम जी का जन्म उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर भगवान परशुराम जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर विविध प्रकार की नैवेद्य अर्पण किए गए। इसके पश्चात भगवान परशुराम जी की आरती उतारी गई। इस मौके पर आचार्य जगदीश पाठक द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण से भगवान परशुराम जी का पूजन अर्चन अभिषेक कराया गया। इस अवसर पर पंडित देवेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म इस धरती पर संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए हुआ था। उन्होंने अपनी तपस्या और भगवान की कठोर साधना करके परशु को धारण किया, जिससे वह परशुराम कहलाए। उनको रामभद्र भार्गव भ्रुगूपति जमदग्नि भ्रूगूवंशी आदि नामों से भी जाना जाता है। समिति के उपाध्यक्ष राजेश दुबे ने कहा कि आज इस भयंकर महामारी से हमारा पूरा विश्व त्राहि त्राहि कर रहा है। भगवान परशुराम इस संकटकाल में संपूर्ण विश्व का कल्याण करें। इस महामारी का संपूर्ण तरीके से नाश करके सभी को स्वस्थ और निरोगी करें ऐसी भगवान परशुराम जी से हम सभी कामना करते हैं। समिति के अध्यक्ष पं.बृजेश चतुर्वेदी ने कहा की भगवान परशुराम त्रेता युग में ब्राह्मण ऋषि के यहां जन्मे थे। भ्रुगू के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्न यज्ञ से प्रसन्न देवराज इंद्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था। इन्हें भगवान विष्णु के आवेशा वतार भी माना जाता है। पितामह भृगु ने का नाम राम रखा था इन्हें भगवान शिव की अनन्य भक्ति का फल मिला। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर अपना परशु इनको दिया जिससे इनका नाम परशुराम हुआ। परशुराम जी का उल्लेख रामायण महाभारत भागवत पुराण कल्कि पुराण आदि अनेक ग्रंथों में मिलता है। इस अवसर पर समिति के सभी पदाधिकारियों ने मिलकर भगवान परशुराम जी के चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित करके कामना की हे प्रभु इस संकट काल मैं संपूर्ण विश्व का कल्याण करते हुए सभी जनमानस का कल्याण करो और इस घनघोर महामारी से संपूर्ण जनमानस की रक्षा करो। इस मौके पर महामंत्री डा.प्रबल सक्सेना, श्यामा कांत चौबे, रमेश रावत, राजेश दुबे, हरविंदर सलूजा, रत्नेश तिवारी, चंद्रशेखर राठौर, मुन्नालाल त्यागी, हरिमोहन चौरसिया, राजेश चतुर्वेदी, राहुल, अपूर्व, अंकित, मेहुल, पिंगाक्ष, अवधेश कौशिक, शिवकुमार शर्मा, भरत रिछारिया, राजेंद्र ताम्रकार, अनिकेत, रुद्दांश, शिवांश, अनुज, प्रतीक चतुर्वेदी, अभिषेक चतुर्वेदी सहित समिति के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे। उसके पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया मंदिर के पुजारी लखन लाल चतुर्वेदी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,