भाजयुमो उ0प्र0 के पूर्व प्रदेश महामंत्री कुँवर सिंह निषाद ने समर्थकों साथ छोड़ी भाजपा
■ निषाद कश्यप बिंद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिये आंदोलन का ऐलान
■ पंचायत में भाजपा पर पिछड़े दलितों के दमन का लगाया आरोप
■ सभी जिलों में आरक्षण के लिये पैदल यात्रा का ऐलान
मथुरा के दामोदरपुरा के निषाद पार्क में सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन की पंचायत आयोजित हुई जिसमें आगरा मंडल के सभी जिलों से बड़ी संख्या में निषाद कश्यप मल्लाह समाज के लोगों ने भाग लिया।
बैठक में बोलते हुए भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश महामंत्री कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि मोदी सरकार में पिछड़े दलितों का दमन हो रहा है केंद्र और राज्य सरकार ब्यूरोक्रेसी और पूँजीवाद की गिरफ्त में है, उन्होंने कहा कि भाजपा पिछड़े दलितों की जमकर उपेक्षा की जाती है उनकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनने से पूर्व और बाद में भी निषादों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन वे अपने वादे से मुकर चुके हैं इस गरीब कमजोर वर्ग की लड़ाई लड़ने के लिये मेरा भाजपा से अलग होना बहुत जरूरी अतः मैं भाजपा से स्तीफा दे रहा हूँ अपने समाज को अधिकार दिलाने के लिए एक बार फिर से सड़क पर संघर्ष करने जा रहा हूँ चाहे मुझे दोबारा जेल यात्रा क्यों न करनी पड़े।
राष्ट्रीय महान गड़तंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ पुरूषोत्तम निषाद ने कहा कि निषादों को सभी दलों ने आरक्षण के नाम पर छला है और वोट लेकर ठुकरा दिया है अब वक्त आ गया है कि आर पार की लड़ाई का आगाज किया जाय।
पंचायत में बोलते हुए यूनियन के महासचिव कन्हैया निषाद ने कहा कि हम अपने हक अधिकार के लिये आवाज उठाएंगे इसके लिये सभी को संगठित होने की आवश्यकता है।
निषाद कश्यप महासभा के जिलाध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने हमारा अनुसूचित जाति का वर्षों से लंबित आरक्षण नहीं दिया तो हम भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देंगे।
यूनियन ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में गांव गांव पैदल यात्रा निकालने का सर्वसम्मति से हाथ उठाकर प्रस्ताव पास किया।
पंचायत में राधेश्याम कश्यप, हेमंत कश्यप, धनीराम निषाद, डालचंद निषाद, सौदान सिंह निषाद, पीतम निषाद, भोले निषाद, पवन निषाद, कन्हैया निषाद, ओमवीर निषाद, खूबचंद निषाद, धर्मेंद्र एडवोकेट, हरिश्चन्द्र निषाद एडवोकेट, कुंजबिहारी, कैलाशी निषाद, गौरीशंकर निषाद, रामरतन निषाद, नंदा निषाद आदि सैकड़ों लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे