जनाब मायूस सागरी को मिला साहित्य सरस्वती सम्मान 2024


सागर के रसखान हैं मायूस सागरी: प्रो आचार्य


सागर। श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट द्वारा वर्श 2024 का साहित्य सरस्वती सम्मान बंडा के जनाब मायूस सागरी जी को प्रदान किया गया, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, प्रो. सुरेश आचार्य, संस्था के सचिव शुकदेव प्रसाद तिवारी, अध्यक्ष के के सिलाकारी, कोशाध्यक्ष आर एस यादव, साहित्य सरस्वती की संपादक डॉ लक्ष्मी पाण्डेय के कर कमलों से प्रदान किया गया। इस अवसर पर वाचनालय की पत्रिका साहित्य सरस्वती के 11 वें अंक के प्रवेषांक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था के सचिव शुकदेव प्रसाद तिवारी ने संस्था की सामाजिक गतिविधियों की जानकारी दी। वाचनालय की पत्रिका और सागर के साहित्यकारों के संदर्भ में किये जा रहे कार्यों के बारे मे जानकारी दी। रघु ठाकुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मायूस सागरी ने बुन्देली भाषा में जो माधुर्य लाया है वह ब्रजरज में देखने मिलता है इसको पढ़कर लगता है कि इसे बार बार पढ़ा जाए।

प्रो सुरेश आचार्य ने अपने उद्बोधन में मायूस सागरी की तुलना रसखान से की उन्होंने कहा कि आपके हिन्दी और उर्दू साहित्य का अच्छा प्रभाव है आपने बुन्देली के सौन्दर्य को साध लिया है। समीक्षक टीकाराम त्रिपाठी ने सागरी जी के साहित्य के बारे में विचार रखे उन्होंने कहा कि यदि सागरी जी ने इतना साहित्य लिखा है कि पूरा साहित्य प्रकाशित हो

श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट सागर का आयोजन हित्य सरर सम्मान

जाए तो उसको पढ़ने मे वर्षों लग जाए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव जी कहा की पुरस्कार की सार्थकता साबित हुई, मायूस जी उनकी रचनाओं का एक अलग सौन्दर्य है। मायूस जी के व्यक्तित्व में जितनी सहजता है उतना ही अपनापन उनके साहित्य में है। इस अवसर पर शहर की अनेक साहित्य संस्थाओं द्वारा मायूस जी का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम की शुरूआत में माँ

सरस्वती का पूजन किया गया एवं अतिथियों का सम्मान किया गया। अंत में संस्था के सचिव शुकदेव तिवारी ने सभी का आभार माना, इस अवसर पर पूरन सिंह राजपूत, उमाकांत मिश्र, आशीष ज्योतिषी, नलिन जैन, लक्ष्मीनारायण चौरसिया, नम्रता फुसकेले, संतोश श्रीवास्तव, गजाधर सागर, राम शर्मा, राजू चौबे सहित अनेक साहित्यकार, कवि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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